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नगरायुक्त जी आप से नहीं थी यह उम्मीद, व्यापारियों के मुंह का निवाला छिनने और आम आदमी की परेशानियों क



जब सिर्फ मनीष बंसल युवा आईएएस अधिकारी द्वारा नगरायुक्त का कार्यभार संभाला गया था तो यह लगा था कि सरल स्वभाव के नई सोच से परिपूर्ण अफसर द्वारा सरकार की नीतियों के तहत मानवीय भावनाओं का ध्यान रखते हुए नागरिकों को निगम संबंधी व्यवस्थाओं में राहत उपलब्ध कराने में सफल रहेंगे। तथा यहां फैली अव्यवस्था लापरवाही और भ्रष्टाचार दूर करने हेतु इस संबंध में जो जांचे चल रही हैं उन्हें पूरा कराकर दोषियों को सजा और कार्य के प्रति लापरवाह सहयोगियों को सुधारकर जनहित के कार्य कराने में सफल रहेंगे। लेकिन पहले मानसून की थोड़ी सी बारिश से सड़कों पर भरे पानी और फैली गंदगी ने नागरिकों की सारी आशाओं पर पानी फेर दिया क्योंकि जहां तक नजर आता है युवा नगरायुक्त अपने सहयोगियों के माध्यम से अच्छा खासा समय होने के बावजूद बरसात से पूर्व ना तो नाले नालियों की सफाई करा पाए और ना ही पानी की निकासी की कोई व्यवस्था भ्रष्टाचार और काम में कोताही के संदर्भ में आए दिन अखबारों में खबरें छपती रहती है इसलिए उस संदर्भ में तो क्या कहना। 


लेकिन कोरेाना से पीड़ित नागरिकों को हर तरह से मदद और सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत देश के पीएम नरेंद्र मोदी ओर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की भावनाओं के विपरित नगर निगम द्वारा जो इस बेरोजगारी और आर्थिक तंगी के दौर में नगर निगम नागरिकों का जो मानसिक और आर्थिक उत्पीड़न कर रहा है उससे आम आदमी में चुनावी वर्ष के दौरान सरकार और सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ असंतोष बढ़ सकता है। 


मनीष बंसल को देखकर यह लगा था कि वह किसी ना किसी रूप में आम आदमी और व्यापारियों की समस्याओं से अच्छी प्रकार अवगत होंगे। और उनके कार्यकाल में सबको राहत मिलेगी। मगर पिछले दिनों बागपत अडडे पर मेट्रो प्लाजा के सामने स्थित कई दशक पुरानी पापाजी दाल वाले सहित 26 दुकानदारों को दुकानें खाली करने के नोटिस देने के बाद एक खबर के अनुसार अब पुनः 383 दुकानदारों को नोटिस देकर दुकानें खाली कराने की जो कार्रवाई शुरू की गई है उसने आम आदमी के सभी सपने जो नगरायुक्त की कार्यप्रणाली को लेकर देखे गए थे तोड़ दिए हैं।
अधिकारी भी हैं दोषी
नगरायुक्त जी जहां तक इन दुकानों की जर्जर हालत की बात है तो उसे खुद दुकानदार भी कम समय में अच्छी प्रकार से नई निर्मित भी करा सकते हैं और इनमें सुधार भी। लेकिन बाकी जो बिंदु दुकान खाली कराने से संबंध दर्शाए जा रहे हैं उनके लिए तो आपके विभाग के पूर्व अधिकारी और संबंधित कर्मचारी भी दोषी है। कि उन्होंने जब भी नियम विरूद्ध दुकानों का संचालन शुरू हुआ तो उन्होंने कार्रवाई क्यों नहीं की। 

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बिना कोई सुविधा दिए हाउस क्यों
इसी प्रकार से बुरी तरह अपने परिवार का खर्च चलाने में परेशान नागरिकों को बिना कोई सुविधा दिए हाउस टैक्स वसूलने के नाम पर जो नोटिस भेजे जा रहे हैं उसने आम आदमी की नींद उड़ाकर रख दी है। मजे की बात यह है कि एक माह का समय देकर 20-20 दिन पुरानी तारीख में जारी नोटिस अब भेजकर जारी तारीख से एक माह में आपत्ति दर्ज कराने या हाउस टैक्स जमा कराने के निर्देश दिए जा रहे हैं। जबकि लोगों को नोटिस ही तय समय सीमा खत्म होने से एक हफ्ता पहले मिल रहे हैं। 


डीएम बनने की चली थी चर्चा
पिछले दिनों एक चर्चा चली थी कि आईएएस अधिकारियों के हुए स्थानांतरण में नगरायुक्त का नाम भी मुजफ्फनगर के डीएम के रूप में चला था। वो रफ्तार क्यों नहीं पकड़ पाया वो अलग बात है लेकिन आज कई लोग उक्त नोटिस पाकर यह कहते जरूर सुने गए कि अगर यह जिलाधिकारी बन गए तो वहां के नागरिकों का क्या होगा। उनका तो भगवान ही मालिक होगा।.


संयुक्त व्यापार संघ अरूण वशिष्ठ गुट के अध्यक्ष अजय गुप्ता और संयुक्त व्यापार संघ नवीन गुट के अध्यक्ष नवीन गुप्ता सहित तमाम व्यापारियों द्वारा नगर निगम की इस उत्पीड़नात्मक कार्रवाई का खुलकर विरोध किया जा रहा है। 


कहां हैं हमारे जनप्रतिनिधि
लेकिन ताज्जुब की बात है कि प्रतिदिन तमाम समाचार पत्रों में इनसे संबंध छप रही खबरों और नगर निगम के कारनामों और उन्हें लेकर जनता में रोष के बाद भी हमारे जनप्रतिनिधि चाहे वो सत्ताधारी पार्टी के नेता हो या विपक्ष के उनके द्वारा गांधीवादी तरीके से मंडलायुक्त व जिलाधिकारी के समक्ष उक्त समस्या को रख उसका समाधान कराने की मांग के साथ ही नगर निगम की कार्यप्रणाली की कार्यप्रणाली को लेकर नगरायुक्त से विरोध क्यों नहीं किया जा रहा है। 


अध्यक्षों ध्यान दीजिए
मेरा मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद व महानगर अध्यक्ष सहित सभी राजनीतिक दलों के जिला और महानगर अध्यक्षों से आग्रह है कि कई प्रकार से परेशान नागरिकों को नगर निगम के हिटलर शाही आदेशों से राहत दिलाने के लिए आगे आकर शांतिपूर्वक अधिकारियों से मिलकर जनहित में कार्रवाई कराएं। क्योंकि जिस प्रकार से जनता परेशान हैं वो व्यापारी हो या आम नागरिक द्वारा शुरू किए गए उत्पीड़न को आसानी से झेल नहीं पाएंगे।

– रवि कुमार विश्नोई
सम्पादक – दैनिक केसर खुशबू टाईम्स
अध्यक्ष – ऑल इंडिया न्यूज पेपर्स एसोसिएशन
आईना, सोशल मीडिया एसोसिएशन (एसएमए)
MD – www.tazzakhabar.com

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